తెల్లని సున్నమువలె పూసిన విభూతి పూత, తెల్లని చందనపు పేరులా తలపై దాల్చిన చిన్నిజాబిల్లి, అందమైన వస్త్రంలా పులితోలు, ఎదిగే పగడాల వంటి మేని చాయ, ఏలిక శక్తి కాపాడే గుణాన్ని సంతరించుకోగా, పగతుఱతో ఢీకొనే మదించిన ఆంబోతు వాహనం, ఎదపై తారాడే పాములు, అదిగై వీరట్టానానికి చెందిన తిన్నని ఒడ్డులున్న కెడిల్ నది నీటితో అభిషేకించుకొనే చల్లని దైవానికి దాసులం మేము. అందువల్ల మాకు ఇప్పుడు భయపడతగ్గది ఏది లేదు. ఇక అలాటిది ఏది కలగబోదు.
అనువాదము: ఆచార్య సత్యవాణి, ద్రావిడ విశ్వవిద్యాలయం, కుప్పం, 2015
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2. तिरुवदिकै वीरट्टानम्
राग: गान्धारम्
{अप्पर ने अपनी बहन की प्रार्थना पर जैन धर्म को छोड़कर शैव धर्म को अपना लिया। बहन तिलकवती अप्पर को अदिकै वीरट्टानम् में भगवान षिव के मंदिर में ले गई। वहाँ अप्पर ने अपनी असह्य पीड़ा से मुक्ति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने वहाँ खप्पर में भिक्षा ग्रहण करने वाले, तन पर श्मषान की भस्म धारण करने वाले, स्वर्ण सदृष कांतिवाले, केडिलम् नदी के तट पर प्रतिष्ठित ‘‘अदिकै वीरट्टानम्’’ प्रभु की आराधना की। अप्पर के शैव धर्म में दीक्षा लेने पर श्रमण धर्माचार्य अत्यधिक गुस्से में आ गये। कट्टरपंथी जैन भिक्षुओं ने अप्पर को मदमŸा हाथी तले रौद देने का परामर्ष स्थानीय नरेष को दिया। अप्पर ने श्वेत भस्म और चन्दन लेप से युक्त प्रकाषमान चंद्रमणि से सुषोभित हाथी का वल्कल धारण करने वाले, धर्म स्वरूप वृषभ को वाहन बनाने वाले, प्रसिद्ध केडिलम् नदी-तट पर प्रतिष्ठित षिव की आराधना की। उन्होंने यह घोषणा की कि ऐसा कुछ नहीं जिससे हम प्रताडि़त (आतंकित) हों, भविष्य में भी हमें कोई डरा नहीं सकता। मदमŸा हाथी अप्पर के चरणों में प्रणाम कर, कुपित होकर जैन भिक्षुओं की ओर मुड़ा तो वहाँ त्राहि-त्राहि मच गई।}
11. हमारे प्रिय आराध्यदेव
ष् श्वेत भस्म और चन्दन से युक्त हैं,
प्रकाषमान चन्द्रमणि से सुषोभित हैं,
हाथी का वल्कल धारण करने वाले,
कांतियुक्त वपुधारी धर्म स्वरूप
वृषभ को वाहन बनाने वाले
विषाल फणयुक्त सर्प को
आभूषण के रूप में धारण करने वाले,
प्रभु अद्वितीय श्रेयस् प्रदान करने वाली
केडिलम् नदी-तीर्थ-स्थल पर प्रतिष्ठित हैं।
हम उस महिमामय प्रभु के दास हैं।
इसलिए ऐसा कुछ नहीं जिससे आतंकित हों,
भविष्य में भी हमें कोई भयभीत नहीं कर सकता।।
रूपान्तरकार - डॉ.एन.सुन्दरम 2000
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sacred ash which is considered to be equal to the paste of sandal-wood.
the moon of white rays which he wears as the chief gem in the crest.
a dress made of colourful skin.
the colour of coral, which is increasing.
a superior bull which can fight and also afford protection.
the cobra which covers the chest.
we are the kindred of Civaṉ who has also the river, Ketilam which has strong and good water.
we need not be afraid of anything even in a small measure.
and there is nothing to be afraid of me.
Translation: V.M.Subramanya Aiyar–Courtesy: French Institute of Pondichery / EFEO (2006)