कविता - 6; ताल - पंजमं
भसम पहननेवाले मूँगा पहाड,
स्थिर ललाट आँखेंवाले अग्नी,
नाना भुवनों का आनन्द, योग-बाढ,
महामेरु को धनुश किये महावीर,
केश में गंगा धरके अद्भुत नाच करनेवाले,
सुंदर सोने से बना रंगमंच का राजा,
रिषभ पताकेवाले मेरा ईश्वर, तुमें
स्वयंसेवक मैं गाने की दया करें - 1.6
हिन्दी अनुवाद: ओरु अरिसोनन [देव महादेवन] 2017