दानकर्ता दान कीजिए
षटवां तिरुमुरै
99 दशके, 981 पद्य, 65 मन्दिर
001 कोयिल्
 
इस मन्दिर का चलचित्र                                                                                                                   बंद करो / खोलो

 

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काणॊलित् तॊहुप्पै अऩ्बळिप्पाहत् तन्दवर्गळ्
इराम्चि नाट्टुबुऱप् पाडल् आय्वु मैयम्,
५१/२३, पाण्डिय वेळाळर् तॆरु, मदुरै ६२५ ००१.
0425 2333535, 5370535.
तेवारत् तलङ्गळुक्कु इक् काणॊलिक् काट्चिहळ् कुऱुन्दट्टाह विऱ्पऩैक्कु उण्डु.


 
पद्य : 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10
पद्य संख्या : 1

அரியானை அந்தணர்தம் சிந்தை யானை
    அருமறையின் அகத்தானை அணுவை யார்க்கும்
தெரியாத தத்துவனைத் தேனைப் பாலைத்
    திகழொளியைத் தேவர்கள்தங் கோனை மற்றைக்
கரியானை நான்முகனைக் கனலைக் காற்றைக்
    கனைகடலைக் குலவரையைக் கலந்து நின்ற
பெரியானைப் பெரும்பற்றப் புலியூ ரானைப்
    பேசாத நாளெல்லாம் பிறவா நாளே.

अरियाऩै अन्दणर्दम् सिन्दै याऩै
अरुमऱैयिऩ् अहत्ताऩै अणुवै यार्क्कुम्
तॆरियाद तत्तुवऩैत् तेऩैप् पालैत्
तिहऴॊळियैत् तेवर्गळ्दङ् कोऩै मट्रैक्
करियाऩै नाऩ्मुहऩैक् कऩलैक् काट्रैक्
कऩैहडलैक् कुलवरैयैक् कलन्दु निण्ड्र
पॆरियाऩैप् पॆरुम्बट्रप् पुलियू राऩैप्
पेसाद नाळॆल्लाम् पिऱवा नाळे.
 
इस मन्दिर का गीत                                                                                                                     बंद करो / खोलो

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इस मन्दिर का चित्र                                                                                                                                   बंद करो / खोलो
   

अनुवाद:

1. मंदिर

षिव हमारे आराध्यदेव हैं। उनका, सूक्ष्म कला ज्ञान से अनुसंधान करने पर भी, वे अनुभूति से परे हैं। तिल्लै में स्थित ब्राह्मणों के हृदय में आप समाये हुए है। आप उत्कृष्ट वेदों के भी सार तत्त्व हैं। आप अणु से भी सूक्ष्म हैं। आप सबके लिए अगोचर एवं अगम्य हैं। आप स्वयं तत्त्वज्ञानी स्वरूप हैं। क्षीर, मधु, मिश्री सम आप मधुर हैं। आप हमारे अज्ञान अन्धकार को दूर करने वाले हैं। आप देवों के अधिपति इन्द्र, विष्णु, ब्रह्मा, अग्नि, वायु, गरजने वाले समुद्र, ऊँचे पर्वत, इन सबमें परब्रह्म स्वरूप में व्याप्त हैं। आप पुलि़यूर नामक तिल्लै में सुषोभित एवं स्तुत्य हैं। आपका स्मरण किये बिना मानव जीवन व्यर्थ है।

रूपान्तरकार - डॉ.एन.सुन्दरम 2000
சிற்பி